हेम के दोहे

निर्धन रोटी मांगता, धनी मांगता भूख।
तरुवर तपता धूप से, अति से जाता सूख।।

क्रोध कभी न कीजिये, रखिये मन को शांत।
देख शांत चित्त वह रिपू, खा जायेगा मात।।

-हेमलाल साहू

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