मेरे गाँव की चिड़ियाँ

मेरे गाँव की चिड़ियाँ चि—चि चहक रही
मेरे आँगल में फुदक —फुदक कर खेल रही।

मेरे मन को बहुत ही लुभाती
मेरी प्यारी चिड़ियाँ मेरे पास बैठ जाती

मेरे से चि—चि कर बाते करती
मेरे किताबों को देख —देख खेलती

मेरे हाथो से दाना चुगती
पेट भर जाती तो फर्र से उड़ जाती

जब मन पड़ती मेरे पास आ जाती
कभी उधर तो कभी उधर फुदकती

कभी पानी पीती तो कभी दाना चुगती
हम दोनो में कितनी प्यारी दोस्ती

दिवारो में लगी शीशे के पास बैठ जाती
अपनी प्रतिबिंब देख मन मुस्कुराती


मेरे गाँव की चिड़ियाँ चि—चि चहक रही
मेरे आँगल में फुदक —फुदक कर खेल रही।





कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें