काँस

काँस मैं इन सबके जैसा होता,
सारे जीवन परोपकार के लिए जीता।
सारे जग को मैं जीत लेता,
काँस ऐसा मेरा जीवन होता।

काँस मैं एक सत्य बनता,
सत्यता से सभी को सच्चे मार्ग दिखाता।
उन्हे मैं सच्चाई का ऐसास दिलाता,
हमेंशा उन्हे मैं कर्म पथ पर ले जाता।

काँस मैं एक पेड़ होता,
अपना स​बकुछ संसार को देता।
सभी जीवों को भोजन और अराम देता,
धुप और गर्मी से उन्हे मैं बचाता।

काँस मैं एक फूल होता,
हर राज भगवान के चरणों में जाता।
ऐसा सौभाग्य हर रोज पाता,
खुद सुन्दर और दूसरो को सुन्दर बनाता।

काँस मैं एक पानी होता,
सभी जीवों का मैं जीवन होता।
प्यासो को मैं पानी देता,
जल से दुनिया में खु​शहाली लाता।

काँस मैं एक हवा होता,
सभी के लिए प्राण जीवन होता।
हर रोज खेत—खलिहानो में जाके लहराता,
ऐसा करके मैं लोगो को अपना ऐसास दिलाता।

काँस मैं एक धरती होता,
सारे जीवों का शरणागत होता।
सभी प्राणी जन्तु मेरा होता,
इस जग का जननी कहलाता।

काँस मैं एक समय होता,
हर रोज समय को बताता।
समय को कभी नही गवाता,
​हमेंशा समय का महत्व बतलाता।

काँस मैं इन सबके जैसा होता,
सारे जीवन परोपकार के लिए जीता।
सारे जग को मैं जीत लेता,
काँस ऐसा मेरा जीवन होता।
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नामहेमलाल साहू
ग्रामगिधवा, पोस्टनगधा,
थानानांदघाट, तह.नवागढ़,
जिलाबेमेतरा, छत्तीसगढ़
मो. नं.9907737593
Email ID- hemlalshahu@gmail.com


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