इस दुनिया की अजीब रीत चली आई,
अमीरी गरीबी की ये दो खाई।
इंशान इंशान में भेद भाई,
इंशानो की यह रीत चली आई।
आपस—आपस में ऊँच—नीच की खाई,
जात—पाँत में भेद भाई।
क्यों करते है आपस में लड़ाई,
हम सब भाई—भाई
फिर आपस में किस बात की लड़ाई।
वही खाना तू खाता वही खाना मै खाता,
फिर आपस में किस बात का भेद बताता।
मिटा दो ये आपस में जात—पाँत की भेद भाई,
आपस में हम सब भाई—भाई।
पाट दो ये अमीरी गरीबी की खाई,
अब तो मिल कर रहो मेरे भाई।
इसमें है दुनिया की भलाई,
आपस में हम सब भाई—भाई।
############################
नाम—हेमलाल साहू
ग्राम—गिधवा, पोस्ट—नगधा,
थाना—नांदघाट, तह.—नवागढ़,
जिला—बेमेतरा, छत्तीसगढ़
मो. नं.—9907737593
Email ID- hemlalshahu@gmail.com
#################################
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें