"शराब"

एक शराबी के लिए शराब सब कुछ होते,
उनकी चाहत उनकी पसंद शराब का प्याला होते।
नशा उनकी लत उनकी ख्वाइस होते,
जब वह शराब की भट्ठी में बैठ जाते।

जब शराब की नशा चढ़ते जाते,
शराब का अर्थ ही बदलते जाते।
शराब का अर्थ शराबी ऐसे बनाते,
जैसे सारी दुनिया को अपने कदमो में नचाते।

शराबी शराब की ''श''अक्षर से,
अपने आपको देश का शासक बना लेते।
शराब पीके जब नशा में रहते,
सब पर अपना हुकुमत जमाते।

शराबी शराब की ''रा'' अक्षर से,
अपने आपको राजा बना लेते।
शराब पीके जब नशा में रहते,
सबसे खुब सेवा करवाते।

शराबी शराब की ''ब'' अक्षर से ,
अपने आपको बलवान समझते।
शराब पीके जब नशा में रहते ,
सब पर अपना बल का रौब दिखाते।

झुण्ठी शान शौकत की ये जीवन जीते,
शराब का सही अ​र्थ आओ हम तुम्हे बता दे।
एक शराबी अपनी जीवन कैसे जीते,
मंद बुध्दि,खोखला शरीर, कमजोर जीवन ​जिसके।

शराब की ''श''अक्षर से कोई शराबी शासक नही बन जाते,
शराब पीने से शराबी की किडनी गलकर 'सड़ने' लगते।
शराब की ''रा''अक्षर से कोई शराबी राजा नही बन जाते,
शराब पीने से शराबी की शरीर जलकर 'राख' होते।
शराब की ''ब''अक्षर से कोई शराबी बलवान नही बनते,
शराब पीने से शराबी की शरीर,घर,परिवार,समाज,राष्ट्र  'बरबाद' होते।

शराब पिना अगर आज छोड़े होते,
शरीर,घर,परिवार,समाज,राष्ट्र सभी के लिए अच्छे होते।
आओ हम सब मिल संकल्प करे,
शराब की नशा से मुक्त स्वस्थ जीवन जीये।

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''शराब'' रचना दिनांक 21.05.2015

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