योग

आओ अपने जीवन में योग अपनाये,
आओ अपने जीवन को योग बनाये।
आओ तन—मन में ताजगी जगाये,
जीवन में खुशहाली और शांति बनाये।
आओ जीवन रक्षक योग अपनाये,
जीवन को स्वस्थ्य और निरोग बनाये।

रोज सवेरा समय पे उठो तो योग कहलाये,
सवेरा घुमने लिकलो तो योग बन जाये।
सूर्य को नमस्कार करो तो योग कहलाये,
ईश्वर को प्रणाम करो तो योग बन जाये।
दिन —चर्चा संतुलित हो तो योग कहलाये,
दिन भर उपवास करो तो योग बन जाये।
अपने काम पे मन लगाओ तो योग बन जाये,
संध्या घुमने निकलो तो योग कहलाये।


आओ अपने जीवन में योग अपनाये,
आओ अपने जीवन को योग बनाये।
आओ तन—मन में ताजगी जगाये,
जीवन में खुशहाली और शांति बनाये।
आओ जीवन रक्षक योग अपनाये,
जीवन को स्वस्थ्य और निरोग बनाये।



 










रचना दिनांक 03.07.2015

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