शरीर हमारा रथ है, मन हमारा सारथी। कर्म अच्छे होगे, तो दुनिया करेगा आरती। "मेरा हिंदी रचना संचय"
निशा चली तो भोर है, सूरज निकल आय। देखो अपनी रौशनी, जग में ओ फैलाय।।
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