शरीर हमारा रथ है, मन हमारा सारथी। कर्म अच्छे होगे, तो दुनिया करेगा आरती। "मेरा हिंदी रचना संचय"
मजा नशा में तो नही, विनाश की जड़ मान। तन मन धन बरबाद है, कर लो तुम पहचान।।
लत नशा लगे जाय तो, नशा छूट ना पाय। शरीर लाये रोग को, स्वस्थ्य शरीर ना पाय।।
दूर तुम नशा से रहो, जीवन सुख को पाय। स्वस्थ्य शरीर आपका, खुशिया घर को आय।।
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