शरीर हमारा रथ है, मन हमारा सारथी। कर्म अच्छे होगे, तो दुनिया करेगा आरती। "मेरा हिंदी रचना संचय"
वाह वाह को छोड़ कर, देखूँ अपनी ओर। खामी मुझमे न रहे, कोशिश है पुरजोर।।
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