शरीर हमारा रथ है, मन हमारा सारथी। कर्म अच्छे होगे, तो दुनिया करेगा आरती। "मेरा हिंदी रचना संचय"
रहे प्रीत यह आपकी , कभी नही हो बैर। आपस में मिलकर रहे, कभी बने मत गैर।।
-हेमलाल साहू
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