लोभ

लोभी को पूरा मिले, पेट नहीं भर पाय।
एक अन्न संतोष की, देख देख भर जाय।।

ठुकरा दो तुम लोभ को, मान सम्मान आय।
हासिल ऊँचा है दर्जा, जिसमे लोभ न पाय।।

-हेमलाल साहू

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