शरीर हमारा रथ है, मन हमारा सारथी। कर्म अच्छे होगे, तो दुनिया करेगा आरती। "मेरा हिंदी रचना संचय"
निशा चली आई किरण, प्रकाश देख फैलाय। हुआ सवेरा जगत में, रौनक फिर से आय।।
-हेमलाल साहू
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