शरीर हमारा रथ है, मन हमारा सारथी। कर्म अच्छे होगे, तो दुनिया करेगा आरती। "मेरा हिंदी रचना संचय"
रखिये सदा संजोय कर, पानी है अनमोल। बिन पानी जीवन नही, समझो इनका मोल।।
बूँद बूँद जल की तरस, लगी प्यास की आग। दर दर पक्षी ढूंढते, मिल जाय कहि तड़ाग।।
-हेमलाल साहू
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