हेम के कुण्डलिया

हर कतरा ये  खून का,  बने  एक  वरदान।
बार बार  मैं  रक्त का,  दान  करूँ भगवान।
दान करूँ भगवान, जान बचते अपनो का।
रहे सदा मुस्कान, किसी के जी सपनो का।
कहे  हेम कविराय, नहीँ  है  कोई   खतरा।
करो रक्त  का  दान,   बहे  रंगों  में  कतरा।
-हेमलाल साहू

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