शरीर हमारा रथ है, मन हमारा सारथी। कर्म अच्छे होगे, तो दुनिया करेगा आरती। "मेरा हिंदी रचना संचय"
बढ़ती कीमत देख लो, इनपर नही लगाम।। गगन छू रहे भाव है, देख रहे जन आम।।
चाल चले व्यापारिया, करे मुनाफा काम। एक वस्तु कीमत बढ़े, बढ़ाते सब के दाम।।
आम जन झेलता रहा, महँगाई की मार। कीमत बढ़ते जा रहे, पड़े जेब पर भार।।
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