शरीर हमारा रथ है, मन हमारा सारथी। कर्म अच्छे होगे, तो दुनिया करेगा आरती। "मेरा हिंदी रचना संचय"
मानव मानव एक है, फिर काहे का भेद। अपने मजहब के लिये, क्यूँ बाँटे हम देश।।
आपस में मिलके रहे, रखे सभी का मान। जात पात को छोड़के, करे देश सम्मान।।
ये दुनिया कुछ भी कहे, मत होना गुमराह। अमन चैन हो देश में , चुने सभी वो राह।।
-हेमलाल साहू
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