शरीर हमारा रथ है, मन हमारा सारथी। कर्म अच्छे होगे, तो दुनिया करेगा आरती। "मेरा हिंदी रचना संचय"
रख विवेक चलिये सदा, नेक राह श्रीमान। मंजिल मिलने मे रहे, पथ यह तो आसान।।
नेक आपकी सोच हो, जीत बदल न पाय। चाहे अपनी राह में, कितने मुश्किल आय।।
बड़ी सोच अपनी रखो, हो पाय नही छोट। बनकर छोटे ही रहो, मन मे रहे न खोट।।
-हेमलाल साहू
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