शरीर हमारा रथ है, मन हमारा सारथी। कर्म अच्छे होगे, तो दुनिया करेगा आरती। "मेरा हिंदी रचना संचय"
माँ की मंदिर हम चले, दर्शन है माँ आश। भक्तो की दुख को हरे, करते नही निराश।।
-हेमलाल साहू
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