शरीर हमारा रथ है, मन हमारा सारथी। कर्म अच्छे होगे, तो दुनिया करेगा आरती। "मेरा हिंदी रचना संचय"
नित कोशिश जारी रहे, लक्ष्य प्राप्ति की ओर। पँहुचेगी यह नाव भी, दरिया के उस छोर।।
चलती चींटी देखिये, बढ़े लक्ष्य की ओर। पक्षी का भी घोसला, बनता तिनका जोर।।
-हेमलाल साहू
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