शरीर हमारा रथ है, मन हमारा सारथी। कर्म अच्छे होगे, तो दुनिया करेगा आरती। "मेरा हिंदी रचना संचय"
सौ कपूत से है भला, तरुवर हो मम पूत। ब्याज मूल माँगे नहीं, माँगे एक सपूत।।
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