शरीर हमारा रथ है, मन हमारा सारथी। कर्म अच्छे होगे, तो दुनिया करेगा आरती। "मेरा हिंदी रचना संचय"
सीख सको तो सीख लो, बहती गंगा ज्ञान। कंठ बिठाओ छन्द को, रखो सूत्र का मान।।
सीख नही गलती बिना, करे हम नित प्रयास। ज्ञान तभी मिलते हमे, मन में हो विस्वास।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें