शरीर हमारा रथ है, मन हमारा सारथी। कर्म अच्छे होगे, तो दुनिया करेगा आरती। "मेरा हिंदी रचना संचय"
संध्या की सुहानी हवाये। मन में उमंग फिर भर लाये। ठण्डी ताजी चली हवाये। चलो घूमने हम सब जाये ।
-हेमलाल साहू
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