मानवता

मानवता सबसे बड़ी, जात पात को छोड़।
आओ मिलकर हम रहे, आपस नाता जोड़।।

करता नित सत्संग मैं, करके गुरु का ध्यान।
बिना गुरू मिलता नही, कभी किसी को ज्ञान।।

-हेमलाल साहू

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें