शरीर हमारा रथ है, मन हमारा सारथी। कर्म अच्छे होगे, तो दुनिया करेगा आरती। "मेरा हिंदी रचना संचय"
मानवता सबसे बड़ी, जात पात को छोड़। आओ मिलकर हम रहे, आपस नाता जोड़।।
करता नित सत्संग मैं, करके गुरु का ध्यान। बिना गुरू मिलता नही, कभी किसी को ज्ञान।।
-हेमलाल साहू
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