शरीर हमारा रथ है, मन हमारा सारथी। कर्म अच्छे होगे, तो दुनिया करेगा आरती। "मेरा हिंदी रचना संचय"
बना आदमी है यहाँ, देख लो बईमान। देखो धोखा दे रहे, नहीं रहा इंशान।।
पैसो के खातिर बिका, देखो अब इंसान। मानवता को खा गये, बन बैठे शैतान।।
-हेमलाल साहू
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