प्यासा मेरा गाँव

प्यासा मेरा गाँव, देखलौ खेत सूखता।
बरखा रानी ऊठ, अभी क्यों नहीँ बरसता।।
एक छोर में खूब, बाढ़ है देखो आई।
पानी में ही लोग, देखलौ जान गवाई।।

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