गिरगिट बना नेता मान

गिरगिट बना नेता मान।
पल—पल बदलता जूबान।
ना रख पाता है लगाम।
पिसलता रहता जूबान।

गिरगिट का ये रंग देख।
बदलता है अपना भेस।
ये पोषाक पहन सफेद।
चला वोट मागने देश।

मन लुभावन भाषण बोल।
आकर्षित होत जन लोग।
देगा हमे जनता वोट।
घर घर रूपये दो फेक।

खरीद लीया जन समाज।
पैसा दे जीता चुनाव।
रंग बदला अपना देख।
जीत चुनाव सत्ता बैठ।

लोगो का विश्वास जान।
धोखा करता बईमान।
होता फायदा ये देख।
भरता गया खाली जेब।

कैसे हो देश क्याण।
पैसा लिए बिका इंशान।
हुआ आम जन परेशान।
नही होगा विकास जान।

अब कुछ न होगा मान।
फस गये गिरगिट का जाल।
गिरग्टि ने किया कमाल।
खूब कमा रहा है माल।

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