सार छंद

तुझको पाने की है रहती, जीवन में जी ख्वाइस।
मेरी  मोहब्बत  तुम्ही  हो,  तुम्ही   मेरी   चॉइस।।

तुम  जैसा  कोई ना देखा, जाने  क्या  है  तुझमें।
आ गई रास दिल को गुड़िया, बस गई हो मुझमें।।

जीना सीखा मोहब्बत में, पाना चाहा तुमको।
हुये प्यार में पागल तेरे, रहा न जाता मुझकों।।

कैसे पाऊँ गुड़िया तुझको, मैं अपनो से हटकर।
गोत्र  हमारे  बीच खड़ी है, दीवार एक बनकर।।

नित रहता हूँ जीवन में खुश, मैं अब तुमको पाकर।
लगता हूँ अब रोज दुआ मैं, प्रभु की मन्दिर जाकर।।
09/03/2018
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा
छत्तीसगढ़, पिन - 491340

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